RBI Repo Rate Increased: आरबीआई की पॉलिसी की घोषणा के बाद आज (ता.7 दिसंबर) कारोबार में निफ्टी रियल्टी इंडेक्स में 1.15 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। आज आरबीआई ने ब्याज दरों (Repo Rate) में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी की है।
आरबीआई ने (Repo Rate) रेपो रेट 0.35 फीसदी बढ़ाकर 6.25 कर दिया है। रेपो रेट 5.90 फीसदी से बढ़कर 6.25 फीसदी हो गया है। जानकारों का कहना है कि जैसे-जैसे रेपो रेट बढ़ेगा, कर्ज पर ब्याज दरें भी बढ़ेंगी।
जिससे लोगों की घर खरीदने की क्षमता घटती जाएगी। यही वजह है कि आज आरबीआई की पॉलिसी आने के बाद रियल्टी शेयरों में तेजी आई है।
Loans and FD : लोन और एफडी के लिए सही समय, अधिक महंगा नहीं होगा लोन
दोपहर के कारोबारी सत्र में, ओबेरॉय रियल्टी (Oberoi Realty) 3.07 प्रतिशत नीचे कारोबार कर रहा था, जबकि ब्रिगेड एंटरप्राइजेज (Brigade Enterprises) 2.05 प्रतिशत नीचे था।
वहीं डीएलएफ और गोदरेज प्रॉपर्टीज (DLF and Godrej Properties) में 1.5 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल रही थी. इस साल अब तक निफ्टी रियल्टी इंडेक्स 0.09 फीसदी की मामूली बढ़त के साथ सपाट रहा है।
कर्ज लेना महंगा होगा
गौरतलब है कि ब्याज दर बढ़ने से बैंकों से कर्ज लेना महंगा हो जाएगा। इससे घर, कार समेत सभी लोन पर आपकी ईएमआई बढ़ जाएगी। बैंक लोन की ब्याज दर तय करने के लिए रेपो रेट को बेंचमार्क के तौर पर इस्तेमाल करते हैं।
इसलिए जब रेपो रेट बढ़ता है तो लोन की ब्याज दर बढ़ जाती है। जब रेपो रेट घटता है तो लोन की ब्याज दर घट जाती है। आरबीआई के रेपो रेट बढ़ने से नए और पुराने दोनों तरह के ग्राहक प्रभावित होंगे।
फ्लोटिंग रेट ईएमआई बढेगी
जिन लोगों ने फ्लोटिंग रेट पर होम लोन लिया है, उनकी ईएमआई बढ़ जाएगी। कार, पर्सनल समेत अन्य तरह के कर्ज लेना भी महंगा हो जाएगा।
रेपो रेट बढ़ने के बाद बैंक होम, कार और पर्सनल लोन की ब्याज दर बढ़ाने में काफी जल्दबाजी दिखाते हैं।आपकी ईएमआई कितनी बढ़ेगी यह आपके लोन की शेष अवधि पर निर्भर करेगा।
अगर कार्यकाल ज्यादा है तो आपकी ईएमआई और ज्यादा बढ़ जाएगी। कई विश्लेषकों का मानना है कि जब तक ब्याज दरें 9.5 फीसदी से नीचे रहती हैं, तब तक हाउसिंग सेक्टर पर बहुत बड़ा नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
ANAROCK Group के अनुज पुरी का कहना है कि अगर ब्याज दरें 9.5 फीसदी की सीमा से आगे बढ़ती हैं, तो आने वाले महीनों में किफायती और निम्न मध्यम श्रेणी के घरों की खरीद पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
विदेशी ब्रोकरेज सीएलएसए का यह भी कहना है कि जब तक ब्याज दरें 9.5 फीसदी तक सीमित रहेंगी, तब तक हाउसिंग सेक्टर की मांग पर बहुत बड़ा नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
घरों की मांग घटेगी
लेकिन अगर 9.5 फीसदी की सीमा का उल्लंघन होता है तो घरों की मांग घट सकती है। आपको बता दें कि इस समय हाउसिंग लोन की दरें 8.5 फीसदी पर हैं।
इस चक्र में ब्याज दरों के प्रभाव के आधार पर, नाइट फ्रैंक अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स ने पूरे देश में औसतन 3 फीसदी की गिरावट दर्ज की है।
विदेशी ब्रोकरेज भारत के रियल एस्टेट सेक्टर पर बुलिश हैं। सीएलएसए का मानना है कि वैश्विक मंदी के इस दौर में भी भारतीय रियल एस्टेट बाजार में चमक बरकरार है।
सीएलएसए के लिए टॉप पिक्स में क्रमश: 396 रुपये, 460 रुपये और 620 रुपये के टार्गेट प्राइस के साथ डीएलएफ, प्रेस्टीज एस्टेट्स और सोभा शामिल हैं।
Read More
- Stocks to Buy: प्लास्टिक पाइप्स कंपनियों के शेयरों में बनेगा पैसा, ब्रोकरेज ने दी खरीदने की सलाह, चेक करें टारगेट
- Investing in 2023: अगले साल निवेश को लेकर कैसे बनाएं रणनीति? ये चार प्लान फैसेले में आपकी मदद करेंगे
- Business Idea : इस जबरदस्त बिजनेस में लाइफ टाइम मिलेगा मोटा पैसा, जानिए कैसे शुरू करें