World Bank Loan : आपने निजी जिंदगी में कई तरह के बैंक देखे होंगे। आज देश में कई छोटे बड़े हजारो बैंक भी हैं। इनमे से कई सरकारी हैं, कुछ निजी बैंक भी हैं। रिजर्व बैंक इन सभी बैंकों से ऊपर निगरानी रखता है। इसी तरह पूरी दुनिया में एक विश्व बैंक है, वर्ल्ड बैंक या विश्व बैंक एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान है। यह वैश्विक स्तर पर बैंकिंग का काम करता है।
भारतीय मूल के अमेरिकी अजय सिंह बंगा इस विश्व बैंक के नए प्रमुख बन गए हैं। विश्व बैंक का मुख्यालय वाशिंगटन डीसी में है। विश्व बैंक अविकसित और विकासशील देशों को धन के साथ-साथ तकनीकी सहायता और नीति सलाह प्रदान करता है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि विश्व बैंक से देशों को मिलने वाले कर्ज पर कितना ब्याज देना पड़ता है? विश्व बैंक कर्ज कैसे देता है? विश्व बैंक से सर्वाधिक ऋण लेने वाले देश कौन से हैं? मैं आपको बता दूँ।
इस तरह हुई विश्व बैंक की शुरुआत
विश्व बैंक की स्थापना 1944 में ब्रेटन वुड्स सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ की गई थी। यह संयुक्त राष्ट्र का एक महत्वपूर्ण अंग है। विश्व बैंक आईएमएफ और विश्व व्यापार संगठन के साथ मिलकर काम करता है। विश्व बैंक विभिन्न परियोजनाओं के लिए निम्न और मध्यम आय वाले देशों को ऋण और अनुदान प्रदान करता है।
विश्व बैंक विशेष रूप से अविकसित देशों को विकास कार्यों के लिए ऋण प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। बैंक 5 से 20 वर्षों के कार्यकाल के साथ विभिन्न विकास परियोजनाओं के लिए ऋण प्रदान करता है।
कितना देना होगा ब्याज
विश्व बैंक दुनिया के देशों को अलग-अलग ब्याज दरों पर कर्ज देता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक विश्व बैंक भारत को करीब 3.10 फीसदी की ब्याज दर पर कर्ज देता है। हालांकि, अलग-अलग तरह के लोन में यह ब्याज दर कम या ज्यादा हो सकती है।
विश्व बैंक द्वारा जारी अंतर्राष्ट्रीय ऋण सांख्यिकी 2022 रिपोर्ट के अनुसार, पहले से ही गरीबी से जूझ रहे देशों का कर्ज 2020 में 12% बढ़कर 65 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। कोरोना संकट ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं। भारत पर नजर डालें तो देश पर 42.5 लाख करोड़ रुपए का विदेशी कर्ज है।
ऐसे में हर भारतीय पर 30,776 रुपये का कर्ज है। साल 2010 में यह बोझ 21.9 लाख करोड़ रुपए था, लेकिन पिछले 10 सालों में यह लगातार बढ़ा है। अब 96% की बढ़ोतरी के साथ यह 2020 में 42.5 लाख करोड़ रुपये हो गया था। इस पैसे में 84,254 करोड़ रुपये का ब्याज शामिल है।