Education Loan | एजुकेशन लोन लेने से पहले खुद से पूछें ये 4 सवाल, कम ब्याज पर मिलेगा लोन

Education Loan | आजकल एजुकेशन पर बहुत खर्च किया जाता है। एक आम मिडिल क्लास परिवार के लिए अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने के लिए पर्याप्त धन जुटाना कोई आसान काम नहीं है। यही कारण है कि अब ‘एजुकेशन लोन’ का चलन बढ़ता जा रहा है। बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने में एजुकेशन लोन अभिभावकों के लिए बड़ा मददगार बन गया है. आजकल हर बैंक एजुकेशन लोन मुहैया कराता है।

पढ़ाई के लिए लोन लेने से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. अगर आपने बिना जांच-पड़ताल के जल्दबाजी में लोन लिया है तो भविष्य में आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। अगर आप सोच-समझकर और अच्छे से पूछकर कर्ज लेते हैं तो न सिर्फ आपको बाद में कर्ज चुकाने में आसानी होगी, बल्कि आपके पैसे भी बचेंगे। एजुकेशन लोन लेने से पहले आपको खुद से चार सवाल जरूर पूछने चाहिए।

कितना लोन चाहिए?

Education Loan | किसी भी कोर्स में एडमिशन लेने के लिए कई तरह के खर्चे होते हैं। इसमें कोर्स की फीस, हॉस्टल या रहने का खर्च, किताबें, लैपटॉप आदि पर खर्च होने वाली रकम शामिल होती है। इसलिए लोन लेने से पहले इन सभी जरूरी खर्चों को जोड़ लेना चाहिए। बिना खर्च जोड़े लोन के लिए आवेदन करना समझदारी नहीं है, क्योंकि इससे आगे की पढ़ाई के लिए पैसे कम पड़ सकते हैं।

रिपेमेंट टैन्‍योर पिरीयड कितना होना चाहिए?

Education Loan | कोर्स की अवधि के अलावा बैंक लोन चुकाने के लिए एक साल का अतिरिक्त मोरेटोरियम समय भी देते हैं। जब आप ईएमआई चुकाना शुरू करते हैं तो आपको 15 साल की पुनर्भुगतान अवधि मिलती है। जिस दिन लोन दिया जाता है उसी दिन से ब्याज शुरू हो जाता है. बैंक मोरेटोरियम अवधि को दो साल और बढ़ा सकता है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए लोन लेते समय पुनर्भुगतान अवधि का चयन करना चाहिए।

कितना देना होगा ब्याज?

Education Loan | एजुकेशन लोन की ब्याज दरें पाठ्यक्रम, संस्थान, पिछले शैक्षणिक प्रदर्शन, छात्र/सह-आवेदक के क्रेडिट स्कोर और सुरक्षा जैसे कारकों पर निर्भर करती हैं। अलग-अलग बैंकों और वित्तीय संस्थानों की ब्याज दरों में भी अंतर होता है। इसलिए लोन लेने से पहले सभी बैंकों की ब्याज दरों की जानकारी ठीक से ले लेनी चाहिए।

कितनी होगी कमाई?

Education Loan | एजुकेशन लोन लेने से पहले कोर्स और जिस इंस्टीट्यूट में आप एडमिशन ले रहे हैं उसका प्लेसमेंट रेट जानना जरूरी है। ऐसा करने से आपको एक मोटा अंदाजा हो जाएगा कि आपको कोर्स के बाद नौकरी मिलेगी या उससे पहले। इससे सैलरी का भी अंदाजा हो जाएगा। प्लेसमेंट और वेतन का अंदाजा होने से उसके अनुसार मासिक आय और ईएमआई का अनुमान लगाने में मदद मिलेगी। ऋण अवधि चुनने में भविष्य की कमाई का अनुमान भी बहुत उपयोगी होता है।

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